बाबू बिसनू
अरे बाबू बिसनू किसनू सुना हमार कबित्त
तू तो परमेसर ठेका सबकै लेहले हया !१!
हया हया सब कहै हम कहीं नाही हया
हया तो हया नाही बेहया बनल हया !२!
केतना थकास कौन लाधिया धकेलला है
सूती निः चिंत सेवा मेहेरी से करवात हया !३!
दुनिया में आगि लागि द्वापर बीत कलजुग आय
अबहीं ले भला भईल घरघुसना बनल हया !४!
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-------सतीशचंद्र, इलाहबाद, ऊ, प्र.भारत नवंबर १९६३
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